पढ़ती बढ़ती शिखर छूती, हर इम्तिहान में सफल होती बेटियाँ। पढ़ती बढ़ती शिखर छूती, हर इम्तिहान में सफल होती बेटियाँ।
हम जानते हैं सोये को जगाना आसान है पर जगे को हम जगा नहीं सकते हैं ! हम जानते हैं सोये को जगाना आसान है पर जगे को हम जगा नहीं सकते हैं !
सवि अमन चाहती है हमेशा यहाँ ढूँढती है जगत में वतन का नशा। सवि अमन चाहती है हमेशा यहाँ ढूँढती है जगत में वतन का नशा।
हर बला उसकी अपने सर लेकर सरसों मिर्ची से नज़र उतारे। हर बला उसकी अपने सर लेकर सरसों मिर्ची से नज़र उतारे।
अब्द अमानत जहाँ हो क़ज़ा ही रहे सवि जहाँ हो क्षितिज अजल तक हम चले। अब्द अमानत जहाँ हो क़ज़ा ही रहे सवि जहाँ हो क्षितिज अजल तक हम चले।
देह के झरोखे से रूह झांक झांक कर देखती है; देह के झरोखे से रूह झांक झांक कर देखती है;